कोटद्वार

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसोनी पूर्व स्वास्थ्य मंन्त्री सुरेंद्र सिंह नेगी एवं वरिष्ठ प्रवक्ता सूर्यकांत धस्माना ने कोटद्वार में राज्य की प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार को घेरा।
गढ़वाल मंडल की मीडिया प्रभारी गरिमा दसोनी ने कहा कि बेरोजगारों की एक लंबी फौज राज्य के अंदर ही नही बल्कि देश मे खड़ी हो गई है। महंगाई ने गरीब जनता की कमर तोड़ने का काम किया है ।बदहाल स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था राज्य सरकार की अदूरदर्शिता की ही परिचायक हैं ,और जिस तरह से लगातार न्यायालय के द्वारा प्रदेश सरकार को समय-समय पर उसके निर्णयों के लिए फटकार लगाई जाती है उससे ऐसा परिलक्षित होता है कि यह सरकार एक विजनलैस सरकार है। इस सरकार ने अपने नाम कई कीर्तिमान दर्ज किए हैं।तब चाहे घर-घर मोबाइल वैन से शराब बांटना हो या अपनी ही महिला कार्यकर्ताओं की यौन उत्पीड़न में भाजपा के तीन दिग्गजों का नाम शामिल हो, राज्य के इतिहास में पहली बार 2 दर्जन से अधिक किसानों की आत्महत्या हो या व्यापारी की मंत्री के जनता दरबार में आत्महत्या का प्रकरण हो, देश के इतिहास में पहली बार चार धामों के तीर्थ पुरोहित समाज के द्वारा सरकार के खिलाफ आंदोलन हो या 10 साल में 8 मुख्यमंत्री बदलने का कीर्तिमान हो या फिर बेरोजगारी और महंगाई में समूचे देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने की बात हो हर क्षेत्र में इस सरकार ने अपने निकम्मेपन के खम्बे गाड़ने का काम किया है।
2022 में उत्तराखंड में जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो ना सिर्फ देवस्थानम बोर्ड खत्म किया जाएगा पुरानी पेंशन बहाली के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का रिक्रूटमेंट अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने खत्म कर दिया था उसको एक बार फिर शुरू करवाने के लिए भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग को लेकर स्थानीय विधायक द्वारा जनता को भ्रमित किए जाने का आरोप लगाया साथ ही साथ जो कोटद्वार मेडिकल कॉलेज जो कांग्रेस सरकार के द्वारा स्वीकृत कर दिया गया था जिसमें 192 बीघा जमीन स्वीकृत करने के साथ-साथ 4 करोड रुपए से बाउंड्री वॉल इत्यादि की निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए थे उसे भी वर्तमान सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया। दसोनी ने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार बनते ही स्थानीय विधायक हरक सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य बंद कराते हुए 192 बीघा जमीन जो कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को स्वीकृत कर दी गई थी उसे श्रम विभाग को हस्तांतरित करवा दी गई और जमीन पर खनन कार्य शुरू करवा दिया गया। वही पर्यटन नगरी कण्व आश्रम जो कि एक बहुउद्देशीय योजना थी जिसके तहत एशियन डेवलपमेंट बैंक (ए डी बी)से 22 करोड़ का ऋण लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जानी थी उसे भी सरकार के द्वारा डंप कर दिया गया है।
