नैनीताल
कुमाऊं विश्वविद्यालय में डिग्री प्रिंटिंग के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है, विश्वविद्यालय ने पहली बार इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है तब जाकर लंबे समय से डिग्री प्रिंटिंग के नाम पर हो रहे इस खेल का खुलासा हुआ, अभी तक प्रिंटिंग के लिए प्रति डिग्री 89 रुपए खर्च आ रहा था लेकिन अब टेंडर प्रक्रिया के बाद यह राशि घटकर ₹17.50 हो गई, डिग्री प्रिंटिंग के नाम पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के 4 करोड रुपये अतिरिक्त खर्च हुए हैं,लंबे समय से बगैर टेंडर प्रक्रिया के गोपनीयता के नाम पर यह सब चल रहा था, और इसके लिए विश्वविद्यालय से 89 रुपए वसूले जा रहे थे, कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दीवान सिंह रावत ने बताया कि पहली बार टेंडर आमंत्रित किए गए थे, इसमें यह सामने आया कि अब तक जो डिग्री की प्रिंटिंग में 89 रुपए देने पड़ रहे थे अब मात्र ₹17. 50 पैसे देने होंगे, इससे विश्व विद्यालय की बड़ी बचत होगी, आपको यह भी बताते चलें कि कुमाऊं विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने गोपनीयता प्रिंटिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया आयोजित की, विश्वविद्यालय हर साल 20 हजार से भी अधिक डिग्रियां जारी करता है, इसके अलावा छात्रों के प्रश्न पत्र, मार्कशीट, उत्तर पुस्तिकाओं की प्रिंटिंग आदि भी होती है पहली बार हुई इस टेंडर प्रक्रिया से करोड़ो का खेल उजागर हुआ है।