नैनीताल पलायन की वजह से वीरान हो चुके गांवों में होम स्टे बनाये जा सकते हैं , अहमदाबाद की एक कम्पनी के साथ मिलकर पर्यटन विभाग यह योजना बना रहा है। इसके लिए नैनीताल के पास कुंजखड़क गांव के इलाकों को चिह्नित किया गया है, जहां कम्युनिटी बेस होम स्टे शुरू करने की तैयारी है। पर्यटन बिभाग इन गांवों के खंडहर मकानों को ठीक कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देगा ,इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटन के साथ खाली गांवों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए हो सकता है ।

बिभाग के अनुसार नैनीताल जिले में करीब 24 गांव अभी तक चिह्नित किए गए हैं , इनमें कुछ की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं , कुछ अच्छी लोकेशंस पर हैं। फिल्म निर्माण के लिए भी यह योजना अच्छी साबित हो सकती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। बिभाग को यह विचार विदेशों में इस तरह की पहल को देखकर आया है। इटली में कई पुराने खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद खाली हुुुए उत्तरकाशी में जादूंग गांव और गर्तातोली को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है ,यह पलायन रोकने के लििये कारगर है । यह राज्य की आर्थिकी के साथ स्वरोजगार का सबसे अच्छा माध्यम हो सकते है ।
