नई दिल्ली

भाजपा से बर्खास्त होने के 4 दिन बाद भी कांग्रेस में हरक सिंह की वापसी नहीं हो पाई है ,इसका मुख्य कारण यह है कि हरीश रावत गुट नहीं चाहता कि हरक सिंह रावत को दोबारा कांग्रेस में शामिल किया जाए ,ऐसे में हरक सिंह रावत के बयान ने फिर सियासत को गरमा दिया , एक बार फिर कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई है ,हरक के इस बयान से यह समझा जा सकता है कि हरीश रावत अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं , दिल्ली में मीडिया से मुखातिब हुए हरक सिंह रावत ने बयान देते हुए कहा है कि मैं भाजपा के फैसले से हतप्रभ हूं ,मैं तो कांग्रेस में जाना ही नहीं चाह रहा था लेकिन मेरे खिलाफ कार्रवाई कर भाजपा ने मुझे मजबूर किया और उसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत कई नेताओं ने मुझे फोन कर कांग्रेस में जोइनिंग की बात कही लेकिन अब वह लोग क्या कर रहे हैं मुझे नहीं पता । हरक सिंह रावत ने इस बात को भी स्वीकार किया कि 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत करना वास्तव में उनकी बहुत बड़ी गलती थी लेकिन कभी-कभी परिस्थिति वश ऐसी गलती हो जाती है , दूसरी तरफ हरीश रावत ने स्पष्ट कर दिया कि हरक सिंह रावत के कांग्रेस में वापसी का निर्णय हाईकमान को लेना है और जो निर्णय हाईकमान करेगा वह उन्हें स्वीकार होगा ।
