उत्तराखण्ड सरकार द्वारा महिलाओं को दिए जाने वाला तीलू रौतेली अवार्ड इन दिनों चर्चा में है , पहले इस अवार्ड को दिए जाने को लेकर कांग्रेस समेत अन्य दलों ने आवाज उठाई थी कि सरकार ने अपने चहेतों को खुश करने के लिए यह अवार्ड बांटे , अब दो महिलाओं ने जो विकास नगर और सहसपुर में स्वयं सहायता समूह चला रही हैं अपना पुरस्कार सरकार को वापस कर दिया है ,उनका कहना है कि सरकार एक तरफ महिलाओं के उत्थान की बात करती है और दूसरी तरफ उनके रोजगार को छीना जा रहा है , जिन महिलाओं ने तिलु रौतेली अवार्ड को वापस किया है उनमें गीता मौर्य और श्यामा देवी हैं ,गीता को यह पुरस्कार पिछले साल दिया गया था जबकि श्यामा देवी ने यह पुरस्कार 8 अगस्त 2021 को हासिल किया था ,इन महिलाओं का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग टेक होम राशन की प्रक्रिया को अब तक महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाता था जबकि अब इस योजना को ई- टेंडरिंग के माध्यम से कंपनियों को सौपा जा रहा है , जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा , सरकार के इस फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी विरोध किया था ।

