उत्तराखंड में पर्यटन ब्यबसाय इस समय चरम पर रहता था , लेकिन उत्तराखंड में आई आपदा से इस बार कुमाऊं के अनेक पर्यटन स्थलों में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है ,आपदा से पर्यटन इंडस्ट्री की 75 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गयी हैं, पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक अगले 1 महीने की सारी बुकिंग कैंसिल हो गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर माह से पर्यटन कारोबार दोबारा रफ्तार पकड़ सकेगा हालांकि पर्यटन कारोबारी अभी मायूस नजर आ रहे हैं ।
18 अक्टूबर को आई आपदा से उत्तराखंड के कुमाऊं रीजन में आम जन जीवन प्रभावित तो हुआ ही है , साथ में पर्यटन कारोबार को बड़ा नुकसान हुआ है, जिन पर्यटकों ने नवंबर, दिसंबर और जनवरी तक की बुकिंग होटल और रिसॉर्ट में करवाई थी वह सारी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं, रिजॉर्ट औऱ होटल कारोबारियों की माने तो 75 फ़ीसदी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं और पर्यटक अभी काफी डरे हुए हैं,उम्मीद यह जताई जा रही है कि दिसंबर के पहले हफ्ते से पर्यटन कारोबार एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगा, हाल ही में जो पर्यटक पहाड़ की हसीन वादियों का लुफ्त उठाने आये थे वो भी भूस्खलन और टूटी सड़कों को देख वापस लौट गए हैं , नैनीताल, मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, मुन्स्यारी समेत आसपास के तमाम क्षेत्र लगभग खाली हो चुके है , हालात ये है की टूरिस्ट नवंबर तक की हुई एडवांस बुकिंग भी अब लोग कैंसिल कर रहे हैं ,पंगोट रिसोर्ट एसोसिएशन के सचिव दीपक मर्तोलिया के मुताबिक इस आपदा से पर्यटन करोबार को भारी नुकसान हुआ है ।

रामगढ़ और मुक्तेश्वर के रिसोर्ट कारोबारियों के मुताबिक इस समय पर्यटन कारोबार चरम पर था, और अच्छी खासी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड आ रहे थे, नैनीताल, मुक्तेश्वर रामगढ़ समेत पहाड़ के अनेक इलाके पर्यटकों से पैक थे लेकिन 18 अक्टूबर को आई आपदा ने एक झटके में सब कुछ खत्म कर दिया औऱ आपदा ने पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ दी , आपदा से पहले नैनीताल, पंगोट, भीमताल, भवाली रामगढ़ औऱ मुक्तेश्वर तक 90 प्रतिशत होटलों में बुकिंग हो चुकी थी लेकिन आपदा के बाद सैलानियों ने बुकिंग भी कैंसिल करा ली थीं , इससे पर्यटन कारोबार को खासा नुकसान हुआ है ।
