हल्द्वानी

रेलवे की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए जिला प्रशासन और रेलवे कई दौर की बैठक कर चुके हैं , पिछले 50 से 60 सालों में रेलवे की जमीन पर हुआ अतिक्रमण आज रेलवे प्रशासन के लिए गले की हड्डी बन गया है ,यदि समय रहते यह अतिक्रमण हटाया गया होता तो आज हालात इतने बुरे नहीं होते । अब अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए ₹30 करोड़ खर्च आने का अनुमान लगाया गया है । यह अभियान एक महीने तक चलेगा और यह भी माना जा रहा है कि उत्तराखंड में यह अतिक्रमण हटाने के लिए सबसे बड़ा और सबसे महंगा अभियान होगा ,इसके लिए नैनीताल जिला प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों के बीच कई बैठक हो चुकी हैं , एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में लगभग 7000 जवान सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किए जाने हैं , इसके लिए जिलाधिकारी नैनीताल ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है जो खर्चे तथा अन्य का विवरण रेलवे को मुहैया कराएंगे उसके बाद रेलवे अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करेगा एक अनुमान के मुताबिक लगभग 4500 कच्चे पक्के मकान ध्वस्त किये जाने हैं ।
सवाल ये है कि आखिर 30 करोड़ रुपये खर्च होगा किसकी जेब से ?
