Dehradun news
उत्तराखंड के युवा रोजगार के लिए मारे मारे फिर रहे हैं लेकिन यहां के अधिकारी राज्य के युवाओं का हक मार कर दलाली करने में लगे हुए हैं, घोटाले का एक मामले में कॉपरेटिव बैंक द्वारा यूपी, बिहार, झारखंड और हरियाणा के लोगों को ₹30 करोड़ का लोन बांट दिया गया, यह लोन ई रिक्शा को लेकर बांटे गए, देहरादून की एक शाखा से ₹10 करोड़ तक के लोन बांटे गए, उधम सिंह नगर की एक शाखा से आठ करोड़ बांटे गए, काफी समय बीतने के बाद जब ऋण वापसी की समीक्षा की गई तब जाकर यह मामला सामने आया है, अब जानकारी मिलते ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, नियम के मुताबिक ई रिक्शा के लिए सिर्फ राज्य के स्थाई निवासियों को ही यह ऋण दिया जाना था, लेकिन घोटालेबाजों ने इसके नियमों में बदलाव कर सिर्फ आधार कार्ड के आधार पर ही लोन बांट दिए, कॉपरेटिव बैंक के बड़े अधिकारियों के मुताबिक यह बहुत बड़ी खामी है जिसमें स्थाई निवास के बजाय आधार कार्ड पर ही अन्य राज्यों के लोगों को बड़े पैमाने पर ऋण दिए गए, जो अब वापस नहीं मिल रहे हैं। कॉपरेटिव बैंक के रजिस्ट्रार आलोक कुमार पांडे ने अपर निबंधक आनंद शुक्ला और वरिष्ठ वित्त अधिकारी शुभम तोमर को इस मामले की जांच सौंपी है, जो 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देंगे, कोऑपरेटिव बैंक में घोटाले का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कोऑपरेटिव बैंकों में बड़े घोटाले होते आए हैं, और जांच भी चलती रही हैं, लेकिन इन जांचों में आज तक कौन दोषी पाया गया, यह आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया।