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आपदा को न बनाएं इवेंट , धरातल पर उतरकर काम करे सरकार — कॉंग्रेस प्रदेश प्रवक्ता

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हल्द्वानी

कॉंग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि मंत्री जी ऊँची उड़ान के हेलीकाप्टर से ज़मीनी हकीकत का ठीक से आँकलन नही कर पाए। जहाँ 69 लोगों की जान चली गई और कई घर व खेती की जमीन बह गई, परिवार के मुख्या की मौत हो गई ऐसे में ग्रह मंत्री के इस अपरिपक्व बयान से जनता की उम्मीद को भारी झटका लगा।

एक तरफ ग्रह मंत्री का बयान कि कम नुकसान हुआ और दूसरी तरफ आँकलन के जल्द टीम भेजने की बात दोनो परस्पर अपने आप में विरोधा भाषी बयान हैं।
सच्चाई यह कि मंत्रियों के हवाई दौरा करने से प्रशासनिक अधिकारी जिन्हें आपदा प्रबंधन में जुटना चाहिये वो मंत्रियों की प्रोटोकाल में व्यस्त हो जा रहे हैं जिससे आपदा प्रबंधन का कार्य बाधित हो रहा है। दीपक बल्यूटिया ने कहा कि इस आपदा के दूरगामी दुष्परिणाम होंगे जिसके लिए सरकार ने हवाई दौरे इवेंट की बजाए ठोस नीति बनानी चाहिए। उत्तराखण्ड राज्य में बार- बार आपदा दस्तक दे रही बावजूद सरकार सोई है।
उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रभावित राज्य है जोकि भूकम्प, बादल फटने, अतिवृष्टि, भूस्खलन, कृत्रिम झील के फटने आदि आपदाओं की जद में रहता है।सरकार को चाहिए दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिये। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया का कहना है कि राज्य में आई आपदा के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त है। लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं। जगह-जगह पर भूस्खलन होने से सड़कें और रास्ते बंद पड़े हैं। परंतु विडंबना यह कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन भाजपा सरकार आपदा प्रभावितों को मरहम लगाने के बजाय हवा में उड़ रही है। अकेले नैनीताल जिले में 31 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। दर्जनों लोग घायल हैं। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें और रास्ते बंद होने से ग्रामीण मदद की गुहार लगा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों के घर हस्त हो चुके हैं। खेतों में भूस्खलन होने से पूरी तरह टूट चुके हैं। बिजली पानी की व्यवस्था ठप है। ग्रामीण खुद अपने रास्ते और सड़कें खोलने में जुटे हुए हैं। प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाना सुदूर उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साथ लेकर हवाई दौरों में मस्त हैं।
बल्यूटिया ने तंज कसते हुए कहा कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री धामी राज्य में 7 हजार करोड़ का नुकसान होने की बात कहते हैं वही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्र और राज्य का संयुक्त सर्वे कराने की बात करते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में आपसी सामंजस्य नहीं है। इतनी बड़ी आपदा आने के बाद भी अभी तक केंद्र और राज्य सरकार ने आपदा मद में फूटी कौड़ी जारी नहीं की है। डिजास्टर फंड में पूर्व में जारी हुए 250 करोड़ का ही बखान किया जा रहा है। इस सरकार ने आपदा को इवेंट बना दिया है। मुख्यमंत्री और मंत्री सिर्फ हवाई दौरों तक सीमित हैं। ऐसे समय में सरकार ने तुरंत कैबिनेट बुलाकर सभी जिलों में आपदा से हुई क्षति का प्रशासनिक आकलन जुटाकर डाटा मंगाना चाहिए था। लेकिन यह सरकार क्षेत्र सैर सपाटे मैं मस्त है। सरकार अपने अपनों को हवाई सैर करा रही है। जबकि ऐसे समय में प्रभावितों को लिफ्ट करने की जरूरत है। मेरी सरकार से यह भी मांग है कि राज्य में आपदा प्रबंधन की ठोस पहल करनी चाहिए। अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी होने के कारण हमारे यहां की भौगोलिक परिस्थिति आपदा प्रबंधन की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। साथ ही प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के लिए ठोस रणनीति बनानी चाहिए।

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