उत्तराखण्ड
विधानसभा से बर्खास्त किये गए कर्मचारियों को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि बेकसूर कर्मियों को तो नौकरी से निकाल दिया गया जबकि नौकरी देने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, उन्होंने कहा यदि मेरे कार्यकाल के दौरान हुई भर्तियों में मैं भी यदि दोषी हूं तो मुझे जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन बेकसूर कर्मियों को बर्खास्त कहीं भी उचित नहीं है। कुंजवाल ने कहा कि समान प्रक्रिया के तहत सन 2001 से 2016 तक की नियुक्तियों को भी निरस्त किया जाना चाहिए या 2016 के बाद निकाले गए कर्मचारियों की बहाली होनी चाहिए उन्होंने कहा कि नियुक्त कर्मचारियों को तो हटा दिया गया लेकिन उन्हें नियुक्ति किसने दी उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई । गोविंद सिंह कुंजवाल ने इसे एक साजिश करार दिया।