New delhi
राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और एनसीटीई की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर फैसला दिया है कि B.Ed डिग्री के आधार पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्त नहीं हो सकते। इस फैसले के बाद बीएड डिग्री धारकों को बड़ा झटका लगा है, इस फैसले के मुताबिक डीएलएड प्रशिक्षित लोगों को नौकरी की पक्की गारंटी हो सकती है,यदि उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड में अभी बेसिक शिक्षकों के 800 पदों पर भर्ती लंबित है, साथ ही बिभाग में 2350 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है, इस फैसले के बाद बीएड डिग्री धारक परेशान हैं, इससे पहले भी वर्ष 2010 में एनसीटीई ने B.ed को बेसिक शिक्षक की पात्रता से हटा दिया था, जिसके बाद लंबे आंदोलन किए गए और 2018 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद यानी कि एनसीटीई ने B.ed को दोबारा रियायत दे दी थी, इस फैसले के बाद डीएलएड प्रशिक्षितों की नौकरी पक्की मानी जा रही है उत्तराखंड की यदि बात करें तो प्रदेश के डायटों में डीएलएड के दो बैच चल रहे हैं और इसमें 2019 से 2021 तक लगभग 631 छात्र इसे पास करने जा रहे हैं, जबकि 550 लोग अगले साल पास आउट होंगे, प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के लगभग 3000 पद खाली हैं, डीएलएड प्रशिक्षित संघ के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य कदम बताया है उन्होंने कहा कि वह किसी की भी नौकरी का विरोध नहीं करते हैं, उन्होंने कहा कि D.El.Ed प्रशिक्षित के पास सिर्फ बेसिक शिक्षक बनने का ही मौका होता है और वह किसी अन्य पद के लिए आवेदन नहीं कर सकता, बेसिक शिक्षा निदेशक के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सत्यापित कॉपी मिलने के बाद ही इस विषय पर कुछ कहा जा सकता है की अदालत ने किस परिपेक्ष में आदेश जारी किया है और इसमें किन मानको पर टिप्पणी की गई है।