दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय के 06 छात्रों को माननीय राष्ट्रपति ने स्वर्णपदक देकर सम्मानित किया साथ ही विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. मुरलीमनोहर पाठक ने शास्त्री, शिक्षाशास्त्री, आचार्य, विशिष्टाचार्य, विद्यावारिधि के समस्त छात्र- छात्राओं को स्वर्णपदक एवं उपाधियां प्रदान की।
पञ्चकेदार मन्दिरों पर पीएच्.डी, प्रथम दीक्षान्त समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति में किया गया सम्मानित।
नैनीताल जिले के मटेला गांव निवासी जीवन जोशी ने उत्तराखण्ड के पञ्च केदार मन्दिरों पर वास्तुशास्त्रीय आधारित शोध कार्य पूरा किया, जिसके लिए मंगलवार को श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रथम दीक्षान्त समारोह में उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी, इस दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान उपस्थित रहे। डॉ. जीवन जोशी ने पीएचडी उपाधि का श्रेय अपने दादाजी स्व. दिनेश चन्द्र जोशी को दिया जिन्होंने उन्हें बचपन से ही आध्यात्म, कर्मकाण्ड, ज्योतिष-वास्तुकला में रूचि जगाई। आपको यह भी बता दें की डॉ. जोशी ने वर्ष 2019 में दिल्ली स्थित अक्षरधाम मन्दिर पर भी वास्तुशास्त्र विषयक एम्.फिल (M.Phil.) की है।
डॉ जीवन जोशी ने बताया की भविष्य में वह एक संस्था का निर्माण करेंगे जिसमें उत्तराखण्ड के प्राचीन जीर्ण-शीर्ण मन्दिरों का पुनः निर्माण (जीर्णोद्धार) कर उन्हें ठीक कर लम्बे समय तक धरोहर के रूप में रखा जाये। वर्तमान में वह ‘स्वस्तिवाचनम्’ संस्था के संयुक्त सचिव हैं, यह संस्था संस्कृत पत्रकारिता, योग, आयुर्वेद, वास्तुशास्त्र और भारतीय प्राच्य विद्या का संरक्षण एवं प्रसारण करती है।
उनकी इस कामयाबी पर उनके माता पिता व परिजन समेत स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। सभी क्षेत्र वासियों ने उन्हें शुभकामनायें देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।