नैनीताल
उत्तराखंड में वाहन पार्किंग एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है, नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई की गई जिसमें हाई कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को पार्किंग स्थल चिन्हित करने के निर्देश देते हुए कहा की गाड़ियों का चालान करना समस्या का समाधान नहीं है, पहले पार्किंग की व्यवस्था की जाए, मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ एसएसपी नैनीताल के द्वारा पूर्व में की गई बैठक से संतुष्ट नजर नहीं आए कोर्ट ने कहा कि वाहनों का चालान करना समस्या का समाधान नहीं है, पार्किंग व्यवस्था की जानी चाहिए। नैनीताल हाई कोर्ट ने पुलिस और जिला प्रशासन को इस समस्या से पीड़ित स्थानीय निवासियों के साथ ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करने के लिए एक बैठक करने के भी निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने स्थानीय निवासियों की समस्या और उनके वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को जगह चिन्हित करने को भी कहा है। मामले में दायर जनहित याचिका में बताया गया था कि नैनीताल शहर के अंदरूनी मार्गों पर स्थित होटल स्वामी और स्थानीय लोग सड़क पर वाहन पार्किंग कर रहे हैं जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है और स्थानीय लोगों को आने-जाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इस संबंध में एसएसपी नैनीताल ने एक बैठक लोगों के साथ की थी लेकिन उसमें पीड़ित लोगों को ना बुलाकर व्यवसाय कर रहे होटल स्वामी ,टैक्सी संचालक ,तथा व्यापार मंडल के लोगों को शामिल किया गया जबकि पीड़ित लोगों को इस बैठक में बुलाया ही नहीं गया है।