प्रदेश के देहरादून ,पौड़ी , पिथौरागढ़ ,चंपावत तथा बागेश्वर जैसे सीमांत जिलों में सरकारी योजनाओं का कैसे मखौल उड़ाया जाता है यह देखने को मिला है करोड़ों रुपये जारी करने के बाद भी जल जीवन मिशन धरातल पर नही उतर पाया है , इन जिलों में कई ब्लॉक तथा गांव ऐसे हैं जहां पर पाइप लाइन या पानी का कोई सोर्स ही उपलब्ध नहीं है बावजूद इसके वहां पर नल लगा दिये गए ,लेकिन इन नलों में पानी कैसे आएगा कहां से आएगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है क्योंकि किसी भी योजना को शुरू करने से पहले उस पर सर्वे किया जाता है जो हुआ ही नही , 2020 में शुरू हुई यह योजना धरातल पर नही उतर पाई , सरकार द्वारा लाखों घरों में लगाए गए बिना पानी के नलों में पानी की बूंद कैसे गिरेगी किसी को नही पता , प्रदेश के पेयजल मंत्री कहते हैं कि लोगों के घरों में योजना के तहत लगाये गए नलों में जल्दी पानी आएगा अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है की हर घर के नल में पानी सुनिश्चित कराएं , अब यह बात गले नहीं उतरती की बिना पेयजल लाइन के लगाए गए इन नलों में आखिर यह अधिकारी पानी कहां से लाएंगे ।

