कुमाऊँ

राज्यपाल ने किया आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) का दौरा

Spread the love

नैनीताल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने रविवार को मनोरा पीक, नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) का दौरा किया।

इस दौरान वैज्ञानिकों ने राज्यपाल को शोध संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जानकारी दी कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त निकाय है। मनोरा पीक, नैनीताल खगोलीय वेधशाला का गठन उत्तर प्रदेश राजकीय वेधशाला के नाम से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 20 अप्रैल 1954 को वाराणसी में किया गया। तदोपरांत 1955 में नैनीताल एवं 1961 में अपने वर्तमान स्थान मनोरा पीक में स्थापित किया गया। सन् 2000 में उत्तराखण्ड राज्य के गठन के बाद यह “राजकीय वेधशाला” के रूप में जाना जाने लगी। 22 मार्च 2004 से यह भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है।

राज्यपाल ने कहा की उत्तराखंड का सौभाग्य है कि यहां विश्व प्रतिष्ठित शोध संस्थान है जो खगोल विज्ञान, सौर भौतिकी, खगोल भौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान शोध के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दे रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल ने टेलीस्कोप से चंद्रमा का अवलोकन किया और कहा कि यह देखना एक अद्भुत अनुभव रहा। वैज्ञानिकों द्वारा अवगत कराया गया कि 104 से0मी0 संपूर्णानंद टेलीस्कोप एशिया में सबसे पुरानी व प्रथम टेलीस्कोप है। इसी वर्ष टेलीस्कोप की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि वेधशाला को आगे बढ़ाने में यहां कार्यरत हर कर्मचारी का योगदान रहा है। उन्होने कहा कि 50 ऐसे संबंधित वैज्ञानिकों, शोधार्थियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित किया जाए जिनका वेधशाला के संचालन में सर्वश्रेष्ठ योगदान रहा हो उन्हें सम्मानित किया जाएगा। हल्द्वानी में स्थापित किये जाने वाले एस्ट्रोपार्क, विज्ञान केन्द्र के स्थापना संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने निदेशक एरीज को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा की वर्तमान में युवाओं का रुझान अंतरिक्ष व खगोल विज्ञान की ओर बढ़ता जा रहा है। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में बहुत अधिक संभावनाएं भी है। इसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने एस्ट्रो टूरिज्म की संभावनाओं पर भी विचार करने को कहा। वैज्ञानिकों द्वारा अवगत कराया गया कि जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के देवस्थल और ताकुला को एस्ट्रो टूरिज्म विलेज के लिए चुना गया है। यहां पर छोटी टेलीस्कोप की मदद से आने वाले पर्यटक घूमने के साथ साथ तारों को भी निहार सकेंगे। राज्यपाल ने अन्य जिलों में भी एस्ट्रो टूरिज्म क्रियान्वयन पर विचार करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा की संस्थान को आगे बढ़ाए जाने के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा।

इस दौरान प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, निदेशक प्रो0 दीपांकर बनर्जी, संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे, डॉ. बृजेश कुमार सहित अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

 

आपका खबरिया प्रदेश तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या ख़बरों को प्रसारित करने हेतु हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

संपादक –

नाम: तारा चन्द्र जोशी
पता: तीनपानी, बरेली रोड, हल्द्वानी
दूरभाष: 9410971706
ईमेल: [email protected]

© 2024, Apka Khabariya (आपका खबरिया)
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860
To Top