हल्द्वानी

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण मामले पर आज देश की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हुई, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने कहा की इस विवाद में भूमि के एक हिस्से में रेलवे ट्रैक और हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता बताई गई है। अदालत ने केंद्र सरकार की दलीलों को दर्ज कर लिया है।
बताया गया है कि स्टेशन के विस्तार के लिए अतिक्रमित भूमि की आवश्यकता है। इन सुविधाओं के बिना हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को चालू नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान पता चला कि रेलवे के स्वामित्व वाली लगभग 30.04 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण होने का दावा किया गया है। कथित तौर पर इस स्थल पर 50,000 से अधिक लोग लगभग 4600 घरों में रहते हैं।
सुनवाई के दौरान भूमि के एक हिस्से की तत्काल आवश्यकता को प्रदर्शित करने के लिए कुछ वीडियो और तस्वीरें संदर्भित की गईं, जहां अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के अलावा निष्क्रिय रेलवे लाइन को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सैकड़ों परिवार एक दशक से रह रहे हैं, हमने निम्नलिखित कार्य करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए।
उन परिवारों की पहचान करना जिनके प्रभावित होने की संभावना है। प्रस्तावित स्थल जहां ऐसे प्रभावित लोगों का पुनर्वास किया जा सके। केंद्र और राज्य स्तर पर नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है। हम राज्य के मुख्य सचिवों को रेलवे अधिकारियों और केंद्रीय मंत्रालय के साथ बैठक बुलाने का निर्देश देते हैं। पुनर्वास योजना लायी जाए जो उचित, न्यायसंगत और सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हो।
